जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में गुरु पूर्णिमा के दिन संस्कृत एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गए ।
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जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में 75 दिवसीय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत बुधवार को गुरु पूर्णिमा के दिन संस्कृत एवं दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सप्त दिवसीय व्याख्यानमाला श्रृंखला के 42वीं कड़ी में ‘यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान’ विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला में आमंत्रित मुख्य वक्ता के रूप में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार, उत्तराखंड के दर्शन, धार्मिक अध्ययन एवं देवत्व विभाग के सहायक प्राध्यापक ‘डॉ स्नेह लता पाठक’ ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यज्ञ संपूर्ण भारतीय संस्कृति का आधार है। यज्ञ का प्रमुख उद्देश्य धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को सत प्रयोजन के लिए संगठित करना है। यज्ञ का तात्पर्य है – त्याग, बलिदान एवं शुभ कर्म। अपने प्रिय खाद्य पदार्थों एवं मूल्यवान सुगंधित पौष्टिक द्रव्य को अग्नि एवं वायु के माध्यम से समस्त संसार के कल्याण के लिए यज्ञ द्वारा वितरित किया जाता है वायु शोधन से सबको आरोग्य वर्धक सांस लेने का अवसर मिलता है। हवन हुए पदार्थ वायु भूत होकर प्राणी मात्र को प्राप्त होते हैं और उनके स्वास्थ्य वर्धक रोग निवारण में सहायक होते हैं।यज्ञ के दौरान वैदिक मंत्रों की ध्वनि आकाश में व्याप्त होकर लोगों के अंतः करण को सात्विक एवं शुद्ध बनाती है और सभी को परमार्थ कार्य से जोड़ती है। इस प्रकार यज्ञ संपूर्ण संसार की बहुत बड़ी सेवा है।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कोल्हान विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ सत्य प्रिय महालिक ने व्याख्यानमाला का उद्घाटन करते हुए सभी का स्वागत किया एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की संयोजिका दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ अर्चना कुमारी गुप्ता ने मंच का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ लाडली कुमारी ने किया। इस अवसर पर वर्कर्स कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी , छात्र-छात्राएं एवं अन्य महाविद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।